परिचय
यह कहानी हमें सिखाती है कि किसी का अपमान करना या उसके साथ बुरा व्यवहार करना हमारे लिए ही हानिकारक हो सकता है। जैसा हम दूसरों के साथ करते हैं, वैसा ही हमारे साथ भी होता है। यह कहानी एक चालाक लोमड़ी और एक बुद्धिमान सारस के बीच की है, जो हमें ईमानदारी और समानता का महत्व बताती है।
लोमड़ी और सारस की दावत
बहुत समय पहले की बात है, एक घने जंगल में एक चालाक लोमड़ी और एक बुद्धिमान सारस रहते थे। दोनों में गहरी दोस्ती थी। सारस रोज तालाब से मछलियां पकड़कर लाता और उन्हें लोमड़ी के साथ साझा करता। इस प्रकार दोनों की दोस्ती मजबूत होती गई।
सारस सीधा-साधा और नेकदिल था, जबकि लोमड़ी शरारती और चालाक थी। उसे दूसरों को तंग करने और मजाक उड़ाने में मजा आता था। एक दिन लोमड़ी ने सोचा कि क्यों न अपने मित्र सारस का मजाक उड़ाया जाए। उसने सारस को अपने घर पर दावत के लिए आमंत्रित किया।
जब सारस लोमड़ी के घर पहुंचा, तो लोमड़ी ने जानबूझकर सूप को प्लेट में परोसा। वह जानती थी कि सारस अपनी लंबी चोंच के कारण प्लेट से सूप नहीं पी सकता। सारस ने कुछ देर कोशिश की, लेकिन सूप नहीं पी सका। लोमड़ी ने झूठी चिंता दिखाते हुए पूछा, “क्या बात है मित्र, क्या तुम्हें सूप पसंद नहीं आया?” सारस ने नम्रता से उत्तर दिया, “सूप बहुत स्वादिष्ट है।”
सारस समझ गया कि लोमड़ी ने उसे अपमानित करने के लिए यह सब किया है, लेकिन वह चुप रहा। जाने से पहले सारस ने लोमड़ी को अगले दिन अपने घर पर दावत के लिए आमंत्रित किया।
अगले दिन लोमड़ी सारस के घर पहुंची। सारस ने भी सूप बनाया था और उसे सुराही में परोसा था। सुराही का मुंह छोटा था, जिससे केवल लंबी चोंच वाले पक्षी ही सूप पी सकते थे। सारस और अन्य पक्षियों ने मजे से सूप पिया, लेकिन लोमड़ी कुछ नहीं कर सकी।
सारस ने लोमड़ी से पूछा, “क्या बात है मित्र, क्या तुम्हें सूप पसंद नहीं आया?” लोमड़ी को अपने शब्द याद आ गए और उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। सभी पक्षियों ने कहा कि सूप बहुत स्वादिष्ट है, और लोमड़ी ने भी उनकी हां में हां मिलाई। लोमड़ी ने अपने अपमान को महसूस किया लेकिन कुछ कह नहीं सकी।
लोमड़ी और सारस की दावत की कहानी से सीख
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। जैसा हम दूसरों के साथ करते हैं, वैसा ही हमारे साथ भी होता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उत्तर
- प्रश्न: सारस और लोमड़ी की दोस्ती कैसी थी?
उत्तर: सारस और लोमड़ी की दोस्ती गहरी थी, लेकिन लोमड़ी चालाक थी और सारस सीधा-साधा। - प्रश्न: लोमड़ी ने सारस के साथ कैसा व्यवहार किया?
उत्तर: लोमड़ी ने सारस को प्लेट में सूप परोसकर अपमानित करने की कोशिश की, क्योंकि सारस प्लेट से सूप नहीं पी सकता था। - प्रश्न: सारस ने लोमड़ी को कैसे सबक सिखाया?
उत्तर: सारस ने लोमड़ी को अपने घर पर दावत के लिए बुलाया और सूप को सुराही में परोसा, जिससे लोमड़ी सूप नहीं पी सकी। - प्रश्न: लोमड़ी को अपनी गलती का एहसास कब हुआ?
उत्तर: जब लोमड़ी ने सुराही से सूप पीने की कोशिश की और असफल रही, तब उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। - प्रश्न: इस कहानी से हमें क्या सिखने को मिलता है?
उत्तर: इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें किसी का अपमान नहीं करना चाहिए, क्योंकि जैसा हम दूसरों के साथ करते हैं, वैसा ही हमारे साथ भी होता है।