एक गांव के पास एक लालची कुत्ता रहता था। यह कुत्ता हर रोज़ गांव में घूमता रहता था, खाने की तलाश में। उसे जो भी मिलता, उसे यह कम पड़ता था। लोगों ने उसकी इस आदत को देखा और उससे दूरी बनाई, लेकिन उसे फ़र्क नहीं पड़ता था। उसके लिए सिर्फ़ खाना महत्वपूर्ण था।
एक दिन, उसे एक हड्डी मिली। उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। उसने सोचा कि इसका आनंद तो अकेले ही मनाना चाहिए। वो जंगल की तरफ़ बढ़ने लगा, रास्ते में एक नदी आई। नदी के पानी में उसने अपनी छवि देखी, और वो समझ गया कि वह लालच में दूसरा कुत्ता देख रहा है, जिसके पास भी एक हड्डी है। उसने सोचा कि क्यों न उसकी भी यह हड्डी छीन ली जाए, फिर उसके पास दो हड्डियां हो जाएंगी। वो दोनों हड्डियों से भरपूर मज़े से खा सकेगा।
उसने पानी में कूदा, पर उसकी बदली लालची सोच ने हड्डी को उसके हाथ से नदी में गिरा दिया।
अब, कुत्ते को होश आया। उसने अपनी गलती का अहसास किया, और उसे अपने लालची व्यवहार पर पछतावा हुआ।
प्रश्न और उत्तर:
- इस कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
इस कहानी का मुख्य संदेश है कि हमें लालच से बचना चाहिए। लालच हमें हमारे व्यक्तित्व और निर्णयों से दूर ले जाता है। - क्या लालच कभी ठीक हो सकता है? क्या ऐसा कभी होता है?
लालच ठीक नहीं हो सकता, क्योंकि यह हमें अपने उच्चतम मानवीय गुणों से दूर कर देता है। इससे हमारे निर्णयों पर असर पड़ता है और हम ग़लती करते हैं। - लालची कुत्ते का किस प्रकार व्यवहार उसकी सफलता में बाधा बना?
लालची कुत्ते का व्यवहार उसकी सफलता को बाधित कर दिया, क्योंकि उसका लालच उसे अपनी बुद्धि का गलत उपयोग करने पर मजबूर कर दिया। - क्या इस कहानी को आपके जीवन में कोई संदेश मिला?
हां, इस कहानी से मुझे यह सीख मिली कि हमें अपने व्यवहार में लालच को कम करना चाहिए और समझदारी से निर्णय लेना चाहिए। - इस कहानी में कौन-कौन से चरित्र थे और उनकी भूमिका क्या थी?
इस कहानी में मुख्य चरित्र लालची कुत्ता और उसके आसपास के दूसरे कुत्ते हैं। उनकी भूमिका थी लालची कुत्ते के व्यवहार को दिखाना और उसके निर्णयों की परिणतियाँ प्रकट करना।