परिचय
यह कहानी प्राचीन समय की है, जिसमें नजारेथ नामक शहर में मरियम नाम की एक महिला रहती थी। वह यूसुफ नाम के व्यक्ति से प्रेम करती थी। कहानी उनके जीवन में आने वाली चुनौतियों और अद्वितीय घटनाओं के बारे में है, जो एक पवित्र आत्मा के जन्म से संबंधित हैं।
कहानी
हजारों साल पहले, नजारेथ नामक शहर में मरियम नाम की एक युवा महिला रहती थी। वह यूसुफ नाम के एक आदमी से प्रेम करती थी। एक रात, जब मरियम सो रही थी, तो उसे स्वप्न में एक स्वर्गदूत दिखाई दिया। उस स्वर्गदूत ने मरियम से कहा कि वह एक पवित्र आत्मा वाले पुत्र को जन्म देगी और उसका नाम यीशु रखना होगा।
मरियम ने यह बात यूसुफ को बताई, लेकिन यूसुफ ने इसे सुनकर बदनामी के डर से मरियम से अलग होने का फैसला कर लिया। उसी रात, स्वर्गदूत ने यूसुफ के सपने में आकर उसे बताया कि मरियम वास्तव में एक पवित्र आत्मा को जन्म देने वाली है। स्वर्गदूत ने यूसुफ से कहा कि वह मरियम से शादी करे और उसके साथ रहे।
यूसुफ ने स्वर्गदूत की बात मान ली और मरियम से शादी कर ली। उन दिनों, नजारेथ रोमन साम्राज्य का हिस्सा था और वहां जनगणना चल रही थी। नियमों के अनुसार, यूसुफ और मरियम को अपना नाम लिखवाने के लिए बैतलहम जाना पड़ा। बैतलहम पहुंचने पर, उन्हें रहने के लिए कोई स्थान नहीं मिला, इसलिए वे एक गौशाले में ठहर गए।
बैतलहम के उसी गौशाले में मरियम ने एक पवित्र आत्मा वाले पुत्र को जन्म दिया और उसका नाम यीशु रखा। एक दिन, गौशाले में अपने जानवरों की देखभाल करने के लिए एक चरवाहा आया। उसे स्वर्गदूत ने बताया कि उद्धारकर्ता का जन्म हुआ है। चरवाहा पहले तो यह बात मानने को तैयार नहीं हुआ, लेकिन जब उसने मरियम, यूसुफ और यीशु को देखा, तो वह आश्चर्यचकित रह गया।
यीशु के जन्म के समय, आसमान में एक चमकता हुआ सितारा दिखाई दिया। दूर के शहर में रहने वाले तीन विद्वान ज्योतिषियों ने इस संकेत को पहचाना और उस सितारे का पीछा करते हुए बैतलहम पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्होंने यीशु को प्रणाम किया और उपहार भेंट किए।
उन्हें यह पता था कि उस राज्य का राजा एक दुष्ट व्यक्ति है और वह इस बच्चे को मारने की योजना बना सकता है। इसलिए, उन्होंने राजा को इसके बारे में नहीं बताया। कुछ दिनों बाद, यूसुफ के सपने में फिर से स्वर्गदूत आया और उसे बताया कि राजा यीशु को मारने की योजना बना रहा है। इसलिए, यूसुफ ने मरियम और ईमानुअल को लेकर मिस्र की ओर प्रस्थान किया।
जब राजा को यीशु के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली, तो उसने बैतलहम के सभी छोटे बच्चों को मारने का आदेश दिया। इस दौरान, राजा की मृत्यु हो गई। इसके बाद, यूसुफ, मरियम और यीशु मिस्र से लौट आए और नजारेथ में बस गए।
कहानी से शिक्षा
यह कहानी हमें सिखाती है कि बुराई की कभी जीत नहीं होती। भगवान किसी न किसी रूप में आकर बुरे लोगों का विनाश करते हैं और अच्छाई की रक्षा करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- मरियम ने किससे प्रेम किया था?
- मरियम ने यूसुफ से प्रेम किया था।
- स्वर्गदूत ने मरियम को क्या बताया?
- स्वर्गदूत ने मरियम को बताया कि वह एक पवित्र आत्मा वाले पुत्र को जन्म देगी और उसका नाम ईमानुअल रखना होगा।
- यूसुफ ने स्वर्गदूत की बात सुनकर क्या किया?
- यूसुफ ने स्वर्गदूत की बात मानकर मरियम से शादी कर ली।
- विद्वान ज्योतिषियों ने बैतलहम कैसे पाया?
- विद्वान ज्योतिषियों ने आसमान में चमकते हुए सितारे का पीछा करते हुए बैतलहम पहुंचा।
- यूसुफ, मरियम और ईमानुअल अंत में कहाँ बस गए?
- वे अंत में नजारेथ में बस गए।