अंकिता की यह कहानी हमें याद दिलाती है कि कभी-कभी पुराने अनुभव हमें वर्तमान में भी प्रभावित कर सकते हैं। यह कहानी तब की है जब अंकिता 10वीं कक्षा में पढ़ती थी और एक पिकनिक यात्रा पर गई थी। इस यात्रा में एक घटना घटी जिसने अंकिता के मन पर गहरी छाप छोड़ी।
भूत की कहानी : भूतिया ढाबा कहानी
एक बार की बात है, जब अंकिता 10वीं कक्षा में थी, उनके स्कूल ने पिकनिक का आयोजन किया। बच्चों ने पिकनिक जाने की योजना बनाई और खुशी-खुशी तैयारियां शुरू कीं। पिकनिक का स्थान पावागढ़ था और लगभग 30 बसें बच्चों को ले जाने के लिए तैयार थीं। अंकिता अपने दोस्तों के साथ सबसे पीछे वाली बस में बैठ गई।
रात के करीब डेढ़ बजे, जब बस जंगल के पास पहुंची, तो अचानक तेज आवाज आई और बस रुक गई। ड्राइवर ने बताया कि बस का टायर फट गया है और उसे बदलने में लगभग दो घंटे लगेंगे। ड्राइवर ने सुझाव दिया कि सभी बच्चे पास के ढाबे में जाकर गर्म चाय पी सकते हैं जबकि वह टायर बदलता है।
सभी बच्चे और टीचर बस से उतरकर पैदल चलते हुए ढाबे तक पहुंचे। ढाबे में एक बूढ़ा व्यक्ति चाय बना रहा था। इतनी रात को ढाबा खुला देख सभी को आश्चर्य हुआ। बूढ़े व्यक्ति ने बताया कि वह ढाबा हमेशा खुला रखता है ताकि राहगीरों को मदद मिल सके।
चाय पीते समय, अंकिता की नजर ढाबे की छत पर गई, जहां उसने एक औरत को सफेद साड़ी में देखा। वह औरत हंस रही थी, हालांकि उसकी हंसी की आवाज किसी को सुनाई नहीं दे रही थी। अंकिता डर के मारे अपनी नजरें नीचे कर लीं। तभी जंगल की ओर से जोर-जोर से किसी के चिल्लाने की आवाज आई। बूढ़े व्यक्ति ने सबको वहीं रहने को कहा और खुद आवाज की दिशा में चला गया।
कुछ ही देर बाद, एक लड़की को खून की उल्टियाँ होने लगीं, जिससे सभी और अधिक डर गए। टीचर ने बच्चों से आग जलाने और उसके पास बैठने को कहा। तीन बज गए और बूढ़ा व्यक्ति जंगल से वापस आया। उसने बच्चों से कहा कि उस चीख को भूल जाना ही बेहतर होगा, नहीं तो जीवन मुश्किल हो जाएगा।
ड्राइवर ने तब तक टायर बदल दिया था और बस वापस ढाबे के पास आ गई थी। सब बच्चे बस में बैठ गए और टीचर ने आदेश दिया कि कोई एक दूसरे से बात नहीं करेगा। बच्चे चुपचाप सो गए और अगले दिन पिकनिक स्पॉट पर पहुंचे। पिकनिक के बाद जब वे लौटे, तो सबने इस भूतिया घटना के बारे में दोस्तों को बताया।
आज जब बच्चों ने पिकनिक जाने की बात कही, तो अंकिता के मन में वही पुराना डरावना अनुभव ताजा हो गया।
कहानी से सीख
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि पुराने डर और अनुभवों को भूलना ही बेहतर होता है, नहीं तो वे हमें हमेशा डराते रहते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- अंकिता को पिकनिक पर जाने से डर क्यों लग रहा था?
- अंकिता को पिकनिक पर जाने से डर लग रहा था क्योंकि उसे अपने स्कूल की पिकनिक में घटी एक डरावनी घटना याद आ गई थी।
- बस का टायर फटने पर बच्चों ने क्या किया?
- बस का टायर फटने पर बच्चे पास के ढाबे में गए और वहां चाय पी।
- ढाबे पर बूढ़े व्यक्ति ने क्या कहा?
- बूढ़े व्यक्ति ने बताया कि वह ढाबा हमेशा खुला रखता है ताकि राहगीरों को मदद मिल सके।
- अंकिता ने ढाबे की छत पर क्या देखा?
- अंकिता ने ढाबे की छत पर एक औरत को सफेद साड़ी में देखा, जो हंस रही थी।
- टीचर ने बच्चों को आग जलाने के लिए क्यों कहा?
- टीचर ने बच्चों को आग जलाने के लिए कहा ताकि वे सुरक्षित और गर्म महसूस करें और डर कम हो सके।