भारतीय पौराणिक कथाओं में देवी-देवताओं के जन्म और उनकी लीलाओं की अनेक कहानियाँ प्रचलित हैं। इनमें से एक अत्यंत प्रसिद्ध कहानी है माता काली के जन्म की। यह कहानी उनके अद्वितीय शक्ति और दुष्टों के नाश के संकल्प को दर्शाती है।
मां काली के जन्म की कथा | Story Of Maa Kali In Hindi
बहुत समय पहले की बात है, जब तीनों लोकों में एक शक्तिशाली राक्षस, दारुण का आतंक फैला हुआ था। उसकी क्रूरता से सभी देवता और प्राणी त्रस्त थे। दारुण को वरदान मिला था कि उसकी मृत्यु केवल एक स्त्री के हाथों ही हो सकती है। इस वरदान के कारण देवता भी उससे परास्त हो चुके थे।
अत्याचार से पीड़ित देवता ब्रह्मा जी के पास पहुंचे और समाधान की प्रार्थना की। ब्रह्मा जी ने स्त्री रूप धारण कर दारुण से युद्ध किया, लेकिन वह भी असफल रहे। अंततः सभी देवता, ब्रह्मा जी के साथ भगवान शिव के पास गए और उनसे मदद की गुहार लगाई।
सभी की प्रार्थना सुनकर भगवान शिव ने माता पार्वती की ओर देखा और मुस्कुराए। माता पार्वती ने उनकी मुस्कान का अर्थ समझ लिया और अपनी शक्ति का एक अंश निकालकर भगवान शिव को सौंप दिया। वह तेजस्वी शक्ति भगवान शिव के नीलकंठ में समा गई। इसके बाद भगवान शिव ने अपनी तीसरी आंख खोली और तीनों लोक थर-थर कांपने लगे। उस शक्ति ने भगवान शिव की तीसरी आंख से बाहर निकलकर एक विशाल और रौद्र स्त्री रूप धारण कर लिया।
उनका रंग रात के अंधकार जैसा काला और जीभ खून जैसी लाल थी। उनके चेहरे पर आग की तरह तेज था और माथे पर तीसरी आंख थी। इस प्रकार माता काली का जन्म हुआ। माता काली ने कुछ ही क्षणों में दारुण और उसकी सेना का नाश कर दिया। दानवों का संहार करने के बाद भी माता काली का क्रोध शांत नहीं हो रहा था।
माता काली का क्रोध शांत करने के लिए भगवान शिव ने एक बच्चे का रूप धारण किया और उनके सामने आ गए। भगवान शिव को बालक के रूप में देखकर माता काली का क्रोध शांत हो गया और उन्होंने उस बच्चे को अपनी गोद में उठा लिया।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):
- माता काली का जन्म क्यों हुआ था?
- माता काली का जन्म दारुण नामक राक्षस और उसकी सेना का नाश करने के लिए हुआ था।
- दारुण को कौन सा वरदान प्राप्त था?
- दारुण को वरदान प्राप्त था कि उसकी मृत्यु केवल एक स्त्री के हाथों ही हो सकती है।
- माता काली के जन्म के समय उनके स्वरूप की विशेषता क्या थी?
- माता काली का रंग रात के अंधकार जैसा काला और जीभ खून जैसी लाल थी। उनके चेहरे पर आग का तेज और माथे पर तीसरी आंख थी।
- माता काली का क्रोध किस प्रकार शांत हुआ?
- भगवान शिव ने बच्चे का रूप धारण किया और उनके सामने आ गए, जिससे माता काली का क्रोध शांत हो गया।
- माता काली के जन्म की कथा से हमें क्या सीख मिलती है?
- इस कथा से हमें यह सीख मिलती है कि असत्य और अधर्म का नाश करने के लिए शक्तिशाली और साहसी होना आवश्यक है, और समय आने पर सच्चाई की जीत होती है।